तुम लिखोगे क्या
हमें मालूम है
तुम दिखोगे क्या
हमें मालूम है
शान पर
चढ़ती हुई तनहाइयाँ
आँख में
धंसती हुई परछाइयाँ
तुम सहोगे क्या
हमें मालूम है
टूटकर
गिरती हुई दीवार-सा
आदमी हर आदमी
बीमार-सा
तुम कहोगे क्या
हमें मालूम है
धूप की मानिंद
कुछ लिख दीजिए
आप तो दिनमान हैं
कुछ कीजिए
तुम रचोगे क्या
हमें मालूम है