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तूतनख़ामेन के लिए-27 / सुधीर सक्सेना

अगर नींद खुल गई

तूतनख़ामेन की

फ़र्ज करो कि नींद खुल गई

तूतनख़ामेन की

और ज़मुहाई ले डाली उसने

किसी सुबह

अकस्मात


तो चौंक जाएगी

इस कदर धरती

कि धुरी पर

घूमना बन्द कर देगी

मुँह खुला का खुला

रह जाएगा हक्की-बक्की

दुनिया का


आँखें फटी की फटी

रह जाएंगी

डेढ़ सौ से ज़्यादा

मुल्कों की


चेतेगी जब

दुनिया

न जाने क्या-क्या होगा

बाद में

पेश्तर सबके


लिखा जाएगा

कीर्तिमान की पोथियों में

अख़बारों में होंगी सुर्ख़ियाँ :


सोता रहा तूतनख़ामेन

दुनिया की सबसे लम्बी नींद ।