तूफान मांगता हूँ
आसूँ भरे नयन से वरदान मांगता हूँ
पीडा भरे हृदय से वरदान मांगता हूँ
वह दर्द जो की उठ कर
आहे निकालता है
वह दर्द जो की उठ कर
आँसू उछलता है
उस अस्रु से, दर्द से कल्याण मांगता हूँ
रौंदे गए हृदय से
कुचले गए हृदय से
--हँसा कर के चुटकियों में--
मसले गए हृदय से
बिद्रोह का भयंकर तूफान मांगता हूँ
आंसू भरे नयन से वरदान मांगता हूँ
तुम पूछ रहे-क्या मैं
तूफान का करूँगा?
आँसू भरे नयन में बिजलियाँ भरूँगा
उन बिजलियों से दुःख का निर्वान मांगता हूँ
उस अश्रु से, दर्द से कल्याण मांगता हूँ