Last modified on 14 जुलाई 2023, at 23:35

तू ऐसी रूठी / ऋचा

तू ऐसी रूठी
ओ! महबूब ज़िन्दगी कि
तुझे मनाना मुश्किल हो गया।

लम्हे में ऐसी बदली
ओ! महबूब ज़िन्दगी
तुझे जानना मुश्किल हो गया।
 
यूँ स्याह हुई तू
ओ! महबूब ज़िन्दगी
तुझे खोजना मुश्किल हो गया।
 
टूटी तो ऐसी बिखरी
ओ! महबूब ज़िन्दगी
तुझे जोड़ना मुश्किल हो गया।
 
हो कितनी भी बेरुख तू
ओ! महबूब ज़िन्दगी
तेरे बिना सांस लेना मुश्किल हो गया।

महबूब है तू मेरी
ओ! महबूब ज़िन्दगी
तुझे भूल जीना मुश्किल हो गया।