Last modified on 11 अप्रैल 2010, at 20:13

तेरा नाम / जयंत परमार

फूल की पत्ती-पत्ती पर
अपनी उँगलियों से
लिखता हूँ तेरा नाम!

फूल तो झड़ जाता है
लेकिन तेरा नाम
ख़ुशबू बनकर
फैल रहा है चारों ओर!