हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तैं चौड़ा तैं चीकणा
तैं बिरमा का पूत
तेरी डाली सींज कै
सदा पावै हम सुख
जोआं की क्यारी चणै भरी
उसने सींजे राधा प्यारी
पीपल सींजन मैं चाली
कुल अपणे की लाज
पीपल सींज्या हर मिले
एक पंथ को काज
तैं चौड़ा तैं चीकणा
तैं बिरमा का पूत
तेरी डाली सींज कै
सदा पावै हम सुख
जोआं की क्यारी चणै भरी
उसने सींजे राधा प्यारी
पीपल सींजन मैं चाली
कुल अपणे की लाज
पीपल सींज्या हर मिले
एक पंथ को काज