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तोरा पावी केॅ / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

तोरा पावी केॅ हम्में वरदान जना कि पैलै छी ।

हमरा की स्वर्गोॅ सें लेना
इन्द्रासन के परियो नै
तोरोॅ साथ बहुत छै हमरा
मुक्ति तक भी जरियो नै ।
तोंही एक उपचार लगै छोॅ
चोट बहुत्ते खैलेॅ छी ।
तोरा पावी केॅ हम्में वरदान जना कि पैलै छी ।

तोरोॅ साथ घड़ी भर काफी
सौ सालोॅ के चाहत की
तोरोॅ बिन बेरथ ही जिनगी
ओकरोॅ सें भी बेरथ की ?
तोंय सुकुमारी गंध कुसुम के
हम्मू रीत निभैलेॅ छी ।
तोरा पावी केॅ हम्में वरदान जना कि पैलेॅ छी ।