ये एक प्रसिद्ध कवि हुए हैं.ये श्रृंगवेरपुर (सिंगरौर-जिला इलाहाबाद)के रहने वाले चुतुर्भुज शुक्ल के पुत्र थे.इन्होंने संवत् १७९१ में 'सुधा-निधि' नामक एक ग्रंथ रसभेद और भावभेद का बनाया. इनकी दो पुस्तकें और मिली हैं--'विनयशतक और नखशिख'. तोष जी ने काव्यांगों के बहुत अच्छे अच्छे लक्षण और उदाहरण दिए हैं.तोष बड़े ही सह्रदय और निपुण कवि थे. भावों का विधान सघन होते हुए भी कहीं पर उलझा नहीं है.