Last modified on 2 जुलाई 2016, at 01:43

तोहर गाँव / नंदकिशोर शर्मा

हम न जइबो तोहर गाँव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।

तोरा गाँव में नै छौ अपने में सल्हा
एक्के गो ओसरा पर तेरह गो चुल्हा
तनियों गो नै छौ बनाव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।।

तोरा गाँव में जात-पात के बेमारी
लोरे सें धुऔ गरिब्बा दुआरी
रजनितिया खोजै छौ दाव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।

एक्के गो टमटम पर चौबीस सवारी
रात-दिन कुहरै छौ घोड़ा सरकारी
डेग-डेग लागै छौ झाँव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।

झंडा पर झंडा छौ नारा पर नारा
रोड खोदरहबा छौ लोग बेसहारा
गीदर करै छौ हुआँव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।

एलौ बसंतराज फगुआ भी ऐलौ
बैर-भाव मंे तोर ठहक्का बिलैलौ
चौक-चौक पाप के पराव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।

फोन आरू बिजली के रोग भुकभुकिया
खादी औ’ खाकी के भरले छौ चुकिया
नै छौ सुकून कोनो ठांव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।

बाँधतौ के घंटी बिलाय अलबत्ता
रे नूँनूँ जाय छौं हम दिल्ली कलकत्ता
डगमग डोलै छौ तोहर नाव रे नूँनूँ
हम न जइबौ तोहर गाँव।