विधायक की ड्योढ़ी के
ठीक सामने
इस ठिठुरती रात में
खुले आसमान तले
गाय, गोधे, और कुत्ते के
त्रिभुज के बीच
चिथड़ों में अपना बदन समेटे
पड़ी है एक मानव संतान।
यह भी तो
किसी मां की बेटी है।
विधायक की ड्योढ़ी के
ठीक सामने
इस ठिठुरती रात में
खुले आसमान तले
गाय, गोधे, और कुत्ते के
त्रिभुज के बीच
चिथड़ों में अपना बदन समेटे
पड़ी है एक मानव संतान।
यह भी तो
किसी मां की बेटी है।