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त्रिभुज के बीच / सत्यनारायण सोनी

 
माँ
पिता
और
भाई के
त्रिभुज के बीच
रेखाओं से टकराती
एक बिंदु-सी

बेटी,
आज भी
तलाश रही द्वार ।

बेजान नहीं
जबकि
उसके पंख ।