बेकळा री
चादर माथै
आरी-तारी सरीखा
काढे कसीदा
अचपळी पुरवाई
कोरै समन्दर
हबोळा खांवतो ।
थार कबीर
अंगेजै चादर
मुरधरी
पण राखै
जस री तस ।
बेकळा री
चादर माथै
आरी-तारी सरीखा
काढे कसीदा
अचपळी पुरवाई
कोरै समन्दर
हबोळा खांवतो ।
थार कबीर
अंगेजै चादर
मुरधरी
पण राखै
जस री तस ।