Last modified on 6 सितम्बर 2011, at 04:47

थूं-6 / रामेश्‍वर गोदारा ग्रामीण

म्हैं नी देख्या
कणा ई
इतरा उतार-चढाव
बळबंट, नदियां सूं दूणा-तीणा
भलाईं कितरी ई टेढी-मेढी होज्या
पण थूं जाणै है
थंा री गत-दुरगत
म्हैं अड़ूवौ नी हूं
आ म्हारै बांथी भरले ।