♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
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थोड़ा-सा नीर पिला दै, बाकी घाल मेरे लोटे मैं
अरे तूँ भले घराँ की दीखै, तन्ने जन्म लिया टोटे मैं
तू मेरे साथ होले गैल, दामण मढ़वा दिऊँ घोटै मैं !
भावार्थ
--'थोड़ा-सा पानी मुझे पिला दे, बाकी मेरे लोटे में डाल दे । अरी ओ, तू तो भले घर की लगती है, लेकिन
ऎसा लगता है जैसे तेरा जन्म बड़े ग़रीब घर में हुआ है । चल, मेरे साथ चल । मैं तेरे लहंगे को गोटे से मढ़वा
दूंगा ।