दन्तकथा वाले रास्ते हैं तुम्हारे
आँखें परिकथाओं वाली
लोककथा वाला अस्तित्व है तुम्हारा
मेरे आर
मेरे पार
लिपि है तुम्हारी अंग-अंग कविता तुम्हारी मातृभूमि
निरामय मितभाषी सहवास
आत्मसंकल्पना की छावनी
मूल मराठी से अनुवाद : सरबजीत गर्चा
दन्तकथा वाले रास्ते हैं तुम्हारे
आँखें परिकथाओं वाली
लोककथा वाला अस्तित्व है तुम्हारा
मेरे आर
मेरे पार
लिपि है तुम्हारी अंग-अंग कविता तुम्हारी मातृभूमि
निरामय मितभाषी सहवास
आत्मसंकल्पना की छावनी
मूल मराठी से अनुवाद : सरबजीत गर्चा