दफ़न बन्दरगाह / उंगारेत्ती

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कवि जाता है वहाँ

और लौटता है प्रकाश में

अपने गीतो के साथ

बिखेर देता है उन्हें

बच रहता है मेरे लिए

इस कविता में से

वह आश्रय रहस्य का शून्य ।

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