Last modified on 14 जनवरी 2022, at 13:25

दफ़्तर / सुमन पोखरेल

दफ़्तर के अन्दर
धरती का सर्वाधिक मूल्यवान हो के भी
शासक द्वारा
बाढ के समय की बारिस जैसा सस्ता समझा हुआ जनता के पसीने
से बनी हुई आलमारियाँ हैं ।

और आलमारियों के अन्दर हैं,
नौकर का काम कर मालिक बना भ्रम पाले हुए इन्सानों के
बदनियत और असक्षमता का दुर्गन्ध आनेवाले फाइलेँ ।

जहाँ हमारे कमज़ोरियों के लेस से बँधा हुआ
एक वीभत्स इतिहास है,
हमारे निर्लज्जता से लिखा जा रहा
एक गूँगा वर्तमान है,
एक अनिश्चित भविष्य है ।

क्या आपको पता है,
उस दफ़्तर का नाम
अगर सिंहदरबार नहीं तो
और क्या है ?

.......................................................
(नेपाली से कवि स्वयं द्वारा अनूदित)