ज़मीन से बीस फीट ऊपर
किले की दीवार की
दरार में उगा पीपल
महत्त्वाकांक्षा की डोर पकड़
लगा है कोशिश में
ऊपर और ऊपर जाने की
जीने के लिए
खींच ले रहा है
हवा से नमी
सूरज से रोशनी
अपने हिस्से की
पत्तियाँ लहराकर
दे रहा है सबूत
अपने होने का
ज़मीन से बीस फीट ऊपर
किले की दीवार की
दरार में उगा पीपल
महत्त्वाकांक्षा की डोर पकड़
लगा है कोशिश में
ऊपर और ऊपर जाने की
जीने के लिए
खींच ले रहा है
हवा से नमी
सूरज से रोशनी
अपने हिस्से की
पत्तियाँ लहराकर
दे रहा है सबूत
अपने होने का