दर्द था एक
जो तुमने दिया,
हज़ार सुखों के बीच
जो मैंने पिया,
रात में तड़पा
और दिन में जिया,
न किसी ने जाना
तुमने क्या किया ।
दर्द था एक
जो तुमने दिया,
हज़ार सुखों के बीच
जो मैंने पिया,
रात में तड़पा
और दिन में जिया,
न किसी ने जाना
तुमने क्या किया ।