दर्द हो तो बँटाने को लोग तो बहुतेरे ।
ज़रा बोलो तो सही, दूर हो व्यथा जो घेरे ।
लेकिन आख़िर उसे कुछ कहा भी तो जाए-
दौड़-दौड़ ख़ुद ही जो दर्द से करता है फेरे ।
दर्द हो तो बँटाने को लोग तो बहुतेरे ।
ज़रा बोलो तो सही, दूर हो व्यथा जो घेरे ।
लेकिन आख़िर उसे कुछ कहा भी तो जाए-
दौड़-दौड़ ख़ुद ही जो दर्द से करता है फेरे ।