Last modified on 8 मई 2011, at 13:26

दशानन / नरेश मेहन

सफल
खलनायक
आज हमारा
नायक है।
यही पैमाना हैं
आज सफलता का।

जो सफल है
वही सत्यनिष्ठ है
वही ईमानदार है।

सफल-सुप्रसिद्व लोग
आदर्शविहनीता के
बावजूद
पूजे जाते है।

अब आदर्शों की
सूची नहीं बनती
सिर्फ
सफल लोगों की
सूची बनती है।

इसलिए
अब राम नहीं
सभी दशानन बनना चाहते हैं।