Last modified on 28 जुलाई 2015, at 17:31

दादा मियाँ लगाइन घनी बगिया / मगही

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

दादा मियाँ लगाइन<ref>लगाये</ref> घनी बगिया।
मेवा तोड़ तोड़ खइहे, मेरे लाल बने<ref>दुलहा</ref>॥1॥
ससुर भँडुए की साँखरी गलिया।
दामन मोड़ मोड़ चलिहो मेरे लाल बने॥2॥
दादा मियाँ की ऊँची दलनियाँ<ref>दालान, बैठका</ref>।
जहाँ सासु को नचइहो<ref>नचाना</ref> मेरे लाल बने॥3॥
बाबा मियाँ लगाइन घनी बगिया।
मेवा तोड़ तोड़ खइहे, मेरे लाल बने॥4॥
साले भँडु़ए की साँखरी गलिया।
दामन मोड़ मोड़ चलिहो मेरे लाल बने॥5॥

शब्दार्थ
<references/>