मगही लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दादा लखिया<ref>लखपति</ref> की बदशाही, सहानी<ref>शाही, शाहजादी</ref> लाड़ो<ref>लाड़ली, दुलहन</ref> के मेहँदी रचाई॥1॥
नाना लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी लगाई॥2॥
बाबा लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी रचाई॥3॥
चाचा लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी रचाई।
भइया लखिया की बदशाही सहानी लाड़ो के हाथ मेहँदी रचाई॥4॥
शब्दार्थ
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