दादी ने कहा
बड़ी भौजाई ने सुना
पहला फल अँचल का पाहुना ।
आँगन का हो या हो घेर, बेल, डाल का
पहला फल देवता सरीखा है ताल का
लाएगा लाड़-प्यार चौगुना ।
पहले फल की जिसने मन से अगवानी की
बरसा दी सौ असीस धूप - हवा - पानी की
उस घर का आँगन है कुनकुना ।