नित रखती हूँ परिंदों के लिए दाना - पानी
वो करते हैं मेरी आवाजाही पर निगरानी
मैं रखती हूँ दाना
निकलती हूँ घर से , जुटाने दाना - पानी
दिखतें है कई बाजनुमा शिकारी
वो भी रखतें है मेरी आवाजाही पर निगरानी
मैं बन जाती हूँ दाना और
लोलुप जीभ का पानी