मैं जब काबुल गया तो मुझे काबुल से प्रेम हो गया
लखनऊ गया तो लखनऊ से
आजकल मैं कहीं नहीं जा रहा
तो मुझे दिल्ली से प्रेम होने लगा है
और दिल्ली कहती है
क्या हो गया है तुझे
आजकल तू कहीं आता-जाता क्यों नहीं!
मैं जब काबुल गया तो मुझे काबुल से प्रेम हो गया
लखनऊ गया तो लखनऊ से
आजकल मैं कहीं नहीं जा रहा
तो मुझे दिल्ली से प्रेम होने लगा है
और दिल्ली कहती है
क्या हो गया है तुझे
आजकल तू कहीं आता-जाता क्यों नहीं!