ताक़त से डरे। मरे।
जन्मे।
फिर ताक़त से डरे।
मरे नहीं।
कविताएँ लिखीं। भय के ख़िलाफ़
पुरस्कृत हुए।
ताक़्त से डरते नहीं। अब।
पास ही तो रहते हैं।
एकदम दिल्ली में।
रचनाकाल : फ़रवरी, 2001
ताक़त से डरे। मरे।
जन्मे।
फिर ताक़त से डरे।
मरे नहीं।
कविताएँ लिखीं। भय के ख़िलाफ़
पुरस्कृत हुए।
ताक़्त से डरते नहीं। अब।
पास ही तो रहते हैं।
एकदम दिल्ली में।
रचनाकाल : फ़रवरी, 2001