ऊबी सिर पर
ले चिणगारी
शिखा- पदमणी राणी,
कथा-व्यथा जौहर री परतख
आ सागी सैनाणी,
कोनी छूणै सक्यो कदेई
कायर कुटिल अन्धेरो,
ओ खिलजी बो
हार उठायो
गढ चितौड़ रो घेरो !
ऊबी सिर पर
ले चिणगारी
शिखा- पदमणी राणी,
कथा-व्यथा जौहर री परतख
आ सागी सैनाणी,
कोनी छूणै सक्यो कदेई
कायर कुटिल अन्धेरो,
ओ खिलजी बो
हार उठायो
गढ चितौड़ रो घेरो !