नाख’र देख
चींणी रो कण
मंड ज्यासी
मकोड़ां रो मगरियो,
नाख’ र देख
लूण रो कण
कोनी आवै
जाणै हुग्यो हुवै
कोई कजियो
धोळो हुवै मिठास रो रंग
धोळो हुवै खरास रो रंग
पण न्यारो न्यारो है
दीठ जीभ रो
धरम ।
नाख’र देख
चींणी रो कण
मंड ज्यासी
मकोड़ां रो मगरियो,
नाख’ र देख
लूण रो कण
कोनी आवै
जाणै हुग्यो हुवै
कोई कजियो
धोळो हुवै मिठास रो रंग
धोळो हुवै खरास रो रंग
पण न्यारो न्यारो है
दीठ जीभ रो
धरम ।