दीपक-दो
न जाने कौन सी धुन है
जो जलाए रखती है इसको
जलता रहता है
अँधेरे के खिलाफ
अँधेरा जिसके भय से सूरज भी डूब जाता है
लेकिन दीपक है कि
जलता ही रहता है
और भोर हो जाती है।
दीपक-दो
न जाने कौन सी धुन है
जो जलाए रखती है इसको
जलता रहता है
अँधेरे के खिलाफ
अँधेरा जिसके भय से सूरज भी डूब जाता है
लेकिन दीपक है कि
जलता ही रहता है
और भोर हो जाती है।