Last modified on 25 सितम्बर 2023, at 19:02

दीवार / मनजीत टिवाणा / हरप्रीत कौर

वह बड़ी देर से
मेरे और अपने बीच की दीवार
तोड़ने की सोच रहा था

मैं हमेशा दीवार तोड़ने की जगह
उछलकर उस तक पहुँचने की सोचती रही

एक दिन दीवार गिर गई
जब हम दोनों दीवार के साथ कान लगाए
एक-दूसरे को सुन रहे थे

दीवार गिर गई
मैं दीवार तो पार कर सकती थी
पर अब
मलबे के ढेर को पार करना मुश्किल हो गया है ।
 
पंजाबी से अनुवाद : हरप्रीत कौर