दु:ख
दु:ख
सुख में
चुभा हुआ
काँटा है--विषबुझा
जो सुख के
पराकाष्ठा तक
पहुंचने से पहले
उसमें बने रहने का
एहसास
दिला ही देता है.
दु:ख
दु:ख
सुख में
चुभा हुआ
काँटा है--विषबुझा
जो सुख के
पराकाष्ठा तक
पहुंचने से पहले
उसमें बने रहने का
एहसास
दिला ही देता है.