दुनिया में सबसे न्यारे
हाथ हमारे हाथ हमारे हाथ हमारे ...
ईंटें - पत्थर - मिट्टी - गारा
बनते ख़ूनी मुँह का चारा
पर जब उठता हाथ हमारा
मिट्टी में मिलते हत्यारे ...
दुनिया टिकी हुई है जिनपर
पर्वत काँपे जिनसे थर-थर
जो सूरज को छूते हँसकर
सागर जिन पर पाँव पसारे ...
अन्धकार में सुर्ख़ उजाले
जीवन पैदा करने वाले
काले - काले हाथ निराले
दहकें ऐसे ज्यों अंगारे ...