घने झुरमुट में बिछी
है पत्तों की शैय्या
सो रही है छाया
चुपके-से आ कर
चूमता सूरज—
लजाती हुई छाया
सेज पर कुछ सरक जाती है
—जगह करती हुई ।
—
27 अगस्त 2009
घने झुरमुट में बिछी
है पत्तों की शैय्या
सो रही है छाया
चुपके-से आ कर
चूमता सूरज—
लजाती हुई छाया
सेज पर कुछ सरक जाती है
—जगह करती हुई ।
—
27 अगस्त 2009