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दुपारौ / भंवर भादाणी

लाम्बी भुजावां
फैलायां
आंमी सांमी
सूरज अर उफणती रेत,
किरण्यां रै पगलिया
उतरतो
गरमावतो
आपरै ही मिजाज में
अपमत्तो
ओ सूरज
ओ मचंग दुपारौ !