Last modified on 4 अगस्त 2018, at 18:47

दूब के सुतार / रामरक्षा मिश्र विमल

टनटनात माथ
जहर लागेला घाम
हाय राम
एहू पर दूब के सुतार।

रउँदेले सुबह शाम
घुमवइया लोग
बकरी लगावेलिन
ठाकुर के भोग

तबहूँ ना कवनो गोहार
हाय राम
कइसन ई ममता दुलार।

बीछे बनिहारिन
बेमोह भरल खेत
खुरपी ले घूमे
दुगोड़ा परेत

सहि जाले सभकर प्रहार
हाय राम
धीरज के कवनो ना पार।