तुम्हारे अन्दर का देवदूत
हर्षित होता है
तुम्हारी ख़ुशी में
आँसू बहाता है
तुम्हारी उदासी पर,
उसके पँखों से सरसराते हैं
प्रेम के शब्द
कविता, सहृदय अनुराग
रक्षा करता है वह
तुम्हारे पथ की,
ले जाता है तुम्हारे क़दम
देवदूत की ओर II
मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित