जन्म: 10 अक्तूबर 1940 शिक्षा: विशेष परिस्थितियों के कारण अनियमित
बाल साहित्य
उपन्यास
- पेड़ नहीं कट रहे हैं ( बाल साहित्य का राष्ट्रीय पुरस्कार)
- चिडिया और चिमनी (हिंदी अकादेमी पुरस्कार)
- एक छोटी बांसुरी ( हिंदी अकादेमी पुरस्कार)
- खिलौने (भारतेंदु हरिश्चंद्र बाल साहित्य पुरस्कार)
- अधूरा सिंहासन
- हीरों के व्यापारी
- नानी माँ का महल
- घर से दूर
- फूल जैसी लड़की
- नीलकान
- अमर विश्व बाल साहित्य ( दो खंड: रमेश तैलंग के साथ )
कथा संग्रह
- लक्ष द्वीप की समुद्री कथाएं
- बड़े बोल का सिर नीचा
- पिता लौट आओ
- कबूतरों वाली हवेली
- धत जादूगर
- चादर बोली
- नाक के बदले नाक
- कठपुतली के खेल
- बांस में बारुद
- एक और खज़ाना
- चील वाले बाबा
- 51 बाल कहानियाँ
- मेरी प्रिय बाल कहानियाँ
- बच्चों की ग्यारह कहानियाँ
- यूरोप की सर्वश्रेष्ठ लोक कथाएँ
- एशिया की सर्वश्रेष्ठ लोक कथाएँ.
- शेक्सपियर की नाट्य कथाएं
- कामनवेल्थ देशों की लोक कथाएं
- देश देश की रोचक कथाएं
- यूनान की प्राचीन लोक कथाएं
- रोमांचक जासूसी कहानियाँ
बाल गीत संग्रह
- हिंदी के नए बाल गीत
- 51 बाल गीत
- 101 बाल गीत
- 125 बाल गीत
- मेरे प्रिय बाल गीत
- यह है हंसने का स्कूल.
विविध
- अपने साथ ( आत्म कथा)
- ओलम्पिक खेल – कल और आज ;
- पवन ऊर्जा सौर ऊर्जागोबर गैस ( रमेश तैलंग के साथ)
कहानी संग्रह
- कितने लाख असीम
- दिलावर खड़ा है
कविता संग्रह
- कविता और कविता के बीच
अनुवाद
- My Son`s Story by Nadine Gordimer मेरे बेटे की कहानी (साहित्य का नोबल पुरस्कार)
- July`s People by Nadine Gordimer जुलाई के लोग
- Ka by Roberto Calasso क
- The Alchemy of Desire by Tarun Tejpal (शिखर की ढलान)
- Without MERCY: Renate Dorrestein (माफ़ी कभी नहीं)
- The golden compass by Philip Pullman:(गोल्डन कम्पास)
- The book of everything – Guss K uijer (सब की किताब)
- Gandhi-Ordained in South Africa –J. N. Uppal (एक महात्मा का अभ्युदय)
रूपांतर
- खज़ाना द्वीप: राबर्ट लुई स्टीवेंसन
- गुलिवर की यात्राएं: जोनाथन स्विफ्ट
- जंगल बुक: रुडयार्ड किपलिंग
- टोबी टॉलर :जेम्स ओटिस –घर से दूर
- काल ऑफ़ द वाइल्ड : जंगल की पुकार जैक लन्दन
- ब्लैक ब्यूटी : एना सीवल
संपादन
- Ruin Of Kash: Roberto Callaso ( कश का विनाश )
अन्य विवरण
- विश्व साहित्य की लगभग 300 श्रेष्ठ पुस्तकों का सार संक्षेप
- 27 वर्षों तक बच्चों की श्रेष्ठ पत्रिका ‘नंदन’ के संपादन विभाग में काम किया
- सम्प्रति: स्वतंत्र लेखन