आउ बन्धु आउ स्वतंत्रताक गीत गाउ
श्वेत-श्याम नर-नार मिल एकता बनाउ
ऊसर धरा केँ श्रमसँ सींच उर्वर शीघ्र बनाउ
आउ बन्धु आउ स्वतंत्रताक गीत गाउ
संस्कृति-सभ्यताकेँ नभ तक पहुँचाउ
सम्पन्नताकेँ दियौ आमंत्रण
विपन्नताकेँ दूर भगाउ
तिमिर दुर्गकेँ तोड़ ज्ञानक तिरंगा लहर