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देश सिंगार / नज़ीर बनारसी

आओ अमवाजे बहाराँ <ref>बहार की लहरें</ref> की तरह बल खाएँ
कभी कौसर <ref>स्वर्ग की एक सरिता</ref> कभी गंगा की तरह लहराएँ
मिल के इस तरह मुहब्बत के तराने गाएँ
झूम कर मंदिर ओ मस्जिद भी गले मिल जाएँ

आड़ मज़हब की न लेकर कोई बेदाद <ref>अत्याचार</ref> कर
बंदगी यूँ करें हमस ब कि ख्ऱुदा याद करे

क्या नई चीज़ कोई शेख़ <ref>मौलवी</ref> की दस्तार <ref>पगड़ी</ref> में है
वही रिश्ता तो है उसमें भी जो जुन्नार <ref>जो धागा तसबीह में इस्तेमाल होता है, जनेऊ</ref> में है
ये लड़ाई तो ख़रीदार ख़रीदार में है
नुक़्स <ref>त्रुटि</ref> जलवे <ref>छवि</ref> में नहीं तालिबे दीदार <ref>दर्शनार्थी</ref> में है

जलवा यूँ रक्स <ref>नृत्य</ref> करे जलवानुमा <ref>छविप्रर्शक</ref> झूम उठे
वो मुहब्बत को सदा <ref>पुकार</ref> दो कि ख़ुदा झूम उठे

देश का हुस्न ज़माने को दिखाना है अभी
चाँद-तारों को भी हैरान बनाना है अभी
माँग चोटी से हिमाला को सजाना है अभी
श्मा कैलाश के परबत पे जलाना है अभी

शमा वो शमा जो हर घर में उजाला कर दे
सारी दुनिया को अँधेरा तहो बाला <ref>नष्ट-भ्रष्ट</ref> कर दे

कितने परबत हैं जो सर अपना झुकाएँगे अभी
खेते कितने हैं जो बालों को बिछाएँगे अभी
कितने दरिया तिरे पैर आके धुलाएँगे अभी
कितने झरने तुझे आईना दिखएँगें अभी

ऐ मिरे प्यारे वतन तुझको सँवरना होगा
तू हसीं <ref>रूपवान सुन्दरी</ref> है तुझे इक रोज़ निखरना होगा

हर नदी एक हसीना <ref>रूपसी</ref> कीतरह बल खाए
हर रविश रेशमी सारी की तरह लहराए
हर डगर चौथी की दुलहन की तरह शरमाए
देखें नज़रें तो मनाजिर <ref>दृश्यों</ref> को हया <ref>लज्जा</ref> आ आए

अपनी धरती की जवानी अभी भरपूर नहीं
माँग है माँग में हँसता हुआ सिंदूर नहीं

सर तिरे सामने सरकश <ref>उद्दण्ड</ref> को झुकाना होगा
उठ के तूफाँ को तिरा नाज़ उठाना होगा
तेरी आवाज़ में आवाज़ मिलाना होगा
हादसों <ref>दुर्घटनाओं</ref> को भी तिरे साज़ पे गाना होगा

ज़िन्दगी आएगी आज़ादी-ए-कामिल <ref>पूर्ण स्वाधीनता</ref> की क़सम
मुश्किलें घटने लगीं बढ़ते हुए दिल की क़सम

एक दिन क़िस्मते हर अहले वफ़ा <ref>प्रेम की साधना करने वाले का भाग्य</ref> बदलेगी
दिल बझे जाते हैं जिससे वो हवा बदलेगी
जिससे शर्मिदा वतन है वो अदा बदलेगी
ऐ ’नजीर’ एक न इक रोज फ़िजा <ref>वातावरण</ref> बदलेगी

सबके चेहरे पे हँसी आएगी नूर <ref>ज्योति</ref> आएगा
आएगा आएगा वो दिन भी जरूर आएगा

शब्दार्थ
<references/>