।। राग आसा।।
देहु कलाली एक पियाला।
ऐसा अवधू है मतिवाला।। टेक।।
ए रे कलाली तैं क्या कीया, सिरकै सा तैं प्याला दीया।।१।।
कहै कलाली प्याला देऊँ, पीवनहारे का सिर लेऊँ।।२।।
चंद सूर दोऊ सनमुख होई, पीवै पियाला मरै न कोई।।३।।
सहज सुनि मैं भाठी सरवै, पीवै रैदास गुर मुखि दरवै।।४।।