देह की सत्ता ही
है आख़िरी पत्ता
यही सबके पास
और यही पत्ता सबको चलना है
लेकिन किसी को भी
नहीं पहुँचना है
देह से चलकर देह तक
हा बुद्ध ! हे राम !
थू यमराज और हाय आदमी
लघुशंका ऐसी हिंसा पर !
देह की सत्ता ही
है आख़िरी पत्ता
यही सबके पास
और यही पत्ता सबको चलना है
लेकिन किसी को भी
नहीं पहुँचना है
देह से चलकर देह तक
हा बुद्ध ! हे राम !
थू यमराज और हाय आदमी
लघुशंका ऐसी हिंसा पर !