Last modified on 4 जुलाई 2017, at 11:01

देह के बाद भी / रंजना जायसवाल

इस देह से आगे
बहुत-बहुत आगे
जाना है तुम्हें
क्या फर्क पड़ता है
यह देह ढले या जले
या ना मिले
हमारी देह में
जो धड़कता है
वह वही तो है
जो रहेगा अनंत तक
देह के बाद भी