Last modified on 3 जून 2008, at 01:30

दोस्त की वापसी / वीरा

किसी पहाड़ी फुनगी पर

एक कोया बर्फ़

गिरी हौले से


देवदारु के वृक्षों पर

अंगार-सी धूप

बैठ गई


कहीं दोस्त

आया

...वापस