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दोस्त के लिए (दो) / राजा खुगशाल

हाँ में हाँ नही

ना कहने की

यातना भुगत रहे हो !


असहमति

तुम्हें ज़िन्दा रखे है

दोस्त

तुम वक़्त की दौड़ के लिए

मैदान की तरह बिछे हो

लोगों के लिए

हमसे जो बेहतर आएंगे कल ।