देह तो आत्मा तक जाने के लिए सुरंग है ।
- रास्ता है ।
तुम्हारी उंगलियाँ जैसे कविता की
- गतिशील पंक्तियाँ हैं ।
तुम्हारी आँखें कविता की गम्भीर
किन्तु कोमल कल्पना है
तुम्हारा चेहरा
- जैसे कविता की
- ज़मीन है
तुम एक सुन्दर और सार्थक
- कविता हो मेरे लिए ।
देह तो आत्मा तक जाने के लिए सुरंग है ।
तुम्हारी उंगलियाँ जैसे कविता की
तुम्हारी आँखें कविता की गम्भीर
किन्तु कोमल कल्पना है
तुम्हारा चेहरा
तुम एक सुन्दर और सार्थक