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दो पदचिन्ह तेरे / विजय वाते

अगर अपने होने का धोखा रहेगा,
तभी तो इबादत का मौका रहेगा ।

दो पदचिन्ह मेरे दो पदचिन्ह तेरे,
जमा-खर्च इतना-सा होता रहेगा ।

मुझे होश खोकर भी ये होश होगा,
कुल अपने दिल का झरोखा रहेगा ।

बदलता बदलता बदलता लगेगा,
बदलता मगर सिर्फ खोखा रहेगा ।