अगर अपने होने का धोखा रहेगा, तभी तो इबादत का मौका रहेगा । दो पदचिन्ह मेरे दो पदचिन्ह तेरे, जमा-खर्च इतना-सा होता रहेगा । मुझे होश खोकर भी ये होश होगा, कुल अपने दिल का झरोखा रहेगा । बदलता बदलता बदलता लगेगा, बदलता मगर सिर्फ खोखा रहेगा ।