आखै सियाळै
धंवर ई धंवर
जी दोरौ हुयो घणो
पण
इत्तो संतोष ई हुयो
कै तरसणो नीं पड़ियो
तावड़ै बैठण सारू ।
दस दिन री
धंवर पछै
आज थे निकळिया
तो लाग्यो-
बसंत
आयग्यो है ।
आखै सियाळै
धंवर ई धंवर
जी दोरौ हुयो घणो
पण
इत्तो संतोष ई हुयो
कै तरसणो नीं पड़ियो
तावड़ै बैठण सारू ।
दस दिन री
धंवर पछै
आज थे निकळिया
तो लाग्यो-
बसंत
आयग्यो है ।