धरती को याद है
अनगिन कहानियाँ
धरती के पास है
एक छुपी हुई पोटली
नाक पर लटकी है
रुपहली गोल ऐनक
पोपले मुँह में
जर्दा रखे धीमे चिराग में
तमाम रात कथरी में पैबन्द लगाती
झुर्रियों वाली बूढ़ी
नानी है धरती
धरती को याद है
अनगिन कहानियाँ
धरती के पास है
एक छुपी हुई पोटली
नाक पर लटकी है
रुपहली गोल ऐनक
पोपले मुँह में
जर्दा रखे धीमे चिराग में
तमाम रात कथरी में पैबन्द लगाती
झुर्रियों वाली बूढ़ी
नानी है धरती