पुजारी ने आंखें मूंद ली है
घंटी नहीं बज रही मंदिर में
नहीं चढ़ पाया है भोग
व्याकुल हैं देवतागण भूख से
सन्नाटा पसरा है मातमी
ताबड़तोड़ गोलियाँ चली है
नए पुजारी के चयन में
इधर ट्रस्टियों नें
धर्म संकट की बात कही
उधर कुत्ते भूक रहे हैं बेहिसाब !